Early Ejeculation
जिकावते हिस एक ऐसी बला है जो मर्द को नाकारा बना कर रख देती है शारीरिक ताकत चाहे हाथी के बराबर क्यों ना हो पर जिकावत वाला बस मन मरोड़ कर रह जाता है और लाख कोशिशों के बावजूद अपने साथी को खुश नहीं कर पाता। जिकवाते हिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें थोड़ा सा स्पर्श मात्र से वीर्य निकल जाता है। स्त्री के छूने से ही वीर्य निकल जाता है। किसी-किसी रोगी के हालात तो इतने खराब हो जाते है कि पैदल चलते कपड़े के रगड़ने से ही वीर्य निकल जाता है।
इसके कारण अनेक हैं यहां सब का बयान करना संभव नहीं। कोई भी भस्म, कुश्ता, याकूती, स्तंभन वटी तब तक काम नहीं करती जब तक जिकावत हिस दूर ना हो जाए।
"जा तन लागे, वा तन जाने"
महानुभाओं से विनती है इसे एक बार बनायें इस्तेमाल करें गलती से मुझे ना कहें की आप ही बना दे वर्ना एक की जगह सौ बताउंगा नखरे ऊपर से करूंगा महीनों के बाद कहीं भेजूंगा इस लिए पैसे भी बचायें और जलदी से खुद ही मेहरबानी फरमा कर बना लें।
समान और बनाने की विधि इस प्रकार है:
सर्प गंधा पाउडर 10 ग्राम
बबूल का गोंद 10 ग्राम
बीज बंद 10 ग्राम
इमली के बीज का मगज 10 ग्राम
वंग भस्म 25 ग्राम
लोहा भस्म 25 ग्राम
अण्डों के छिलकों की भस्म 25 ग्राम
अजुवाईन खुरासानी 25 ग्राम
सबको पाउडर करके आपस मे मिला कर घंटे भर घोंट कर रख लें और 500mg के कैपसूलों मे भरलें।
जिनको कैपसूल ना मिलें वह एक चुटकी तींन उंगलियों से लेकर सुबह शाम खाली पेट दूध से लें कम से कम एक घंटा कुछ ना खायें।
ये दवा जिकावते हिस के साथ शीघ्र पतन, धातु का जाना स्वप्न दोष, पानी जैसे वीर्य को गाढ़ा करके जिंदगी भरके लिए इन तमाम रोगो को जड़ से नष्ट कर देती है।
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पथ्य/अपथ्य:
खटाई तली हुई चीजों और मांस मछली अण्डे से परहेज करें। जब तक दवा का प्रयोग करना है सैक्स न करें। सादा खाना खाए, रात को जलदी सोना सुबह सूरज उगने से पहले उठना है। फल और सब्जियों का अधिक सेवन करें।
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