शीघ्रपतन धात रोग उपचार

शीघ्रपतन और धात रोग

शीघ्रपत्तन चिकित्सा

      जब वीर्य पतला हो जाता है वीर्य वाहिनी नाड़ी तंत्र कमजोर हो जाता है और वीर्य को संभाल नहीं पाता तो संभोग शुरू करते ही वीर्य निकल जाता है। इसे शीघ्रपतन कहते हैं।

      शीघ्रपतन की वज़ह से संभोग सुखद नहीं रह पाता। वीर्य पतला होने की वजह से अधिक निकले लगता है जो शरीर को कमजोर कर देता है। स्त्री को चरम सुख की अनुभूति होने से पहले ही पुरुष निढ़ाल हो जाता है। इसकी वज़ह से पति पत्नी का संबंध ख़राब होने तक की नोबत आ सकती है।

क्यों होता है शीघ्रपतन

       शीघ्रपतन होने के कई कारण होते हैं जिनमें से कुछ विशेष हैं।

      कम उम्र से काम वासना में पड़ने से ये समस्या सबसे अधिक होती है। 10 से 16 साल के बीच काम इन्द्रीयों के सक्षम होने का समय होता है। इस बीच अगर कोई बच्चा संभोग या अन्य कोई काम प्रसंग करने लग जाता है तो उसके काम इन्द्रीयों को प्रफुलित होने का उचित पोषण और समय नहीं मिल पाता जिसकी वजह से व कमजोर रह जाती है।

      कम उम्र में सम्भोग करने से वीर्य जमा होने से पहले ही निकले लगता है। वीर्य ही शरीर है। शरीर पुष्ट नहीं हो पाता। कई बच्चों की कामुकता इतनी बढ़ जाती है कि रात को सोते हुए थोड़ा सा विचार आने से ही वीर्य निकल जाता है जिसे स्वप्नदोष कहते हैं।

      गरम मसाले, अधिक गर्म तासीर का भोजन करने से वीर्य पतला हो जाता है।

      आज कल लोग कुदरती भोजन को छोड़ कर फैक्ट्री का बना पैकेट बंद और बाज़ार का बना तला भुना अधिक खाते हैं जो वीर्य नाशक होता है।

      अधिक एंटीबायोटिक्स और गरम दवाओं का इस्तेमाल करने से वीर्य बनने की प्रक्रिया रुक जाती है और पहले से जमा वीर्य पतला होने लगता है।

शीघ्रपत्तन की आयुर्वेदिक चिकित्सा

      आजकल यूट्यूब और गूगल पे बहुत से लोग आयुर्वेदिक चिकित्सा की सलाह देते मिल जाते हैं जिनमें से 90% लोगों को आयुर्वेद की कोई जानकारी न होते हुए भी वह सुनी सुनाई बात आगे से आगे बढ़ाने में लगे रहते है। यूट्यूब के कई चैनल तो सिर्फ़ अपनी वीडियो के व्यू और लाइक बढ़ाने और पैसे कमाने के लिए कुछ भी बोल देते हैं।
      ये सभी आयुर्वेद के दुश्मन हैं जो आयुर्वेद को बदनाम करते है। ऐसे लोगों से दूर रहें और किसी अच्छे वैध की सलाह लें।

चिकित्सा

      सबसे पहले भोजन को स्वच्छ करें। अधिक मसाले गरम मसाले इस्तेमाल करने से परहेज़ करें।
1)
      पेशाब टेस्ट करवा कर देख लें और थोड़ी भी दिक़्क़त होने पे चंदनासव 20ml के साथ चंद्रप्रभा बटी 2 गोली सुबह शाम लें।
      हमदर्द माजून अर्द्ध खुरमा आधा आधा चमच सुबह शाम हमदर्द क़ुरस जिरयान 1 गोली सुबह शाम दूध के साथ लें।
2)
      बैद्यनाथ अश्वगंधादि चूर्ण 200g (विधारा युक्त)
      व्यास शतावरी चूर्ण 100g
      व्यास सफ़ेद मूसली 100g
      व्यास वीर्य शोधन चूर्ण 100g
      शुद्ध कौंच चूर्ण 100g
      शुद्ध भाँग 50g
      धागा मिश्री 350g
ये सभी मिला कर चूर्ण तैयार है। ढकन वाले डब्बे में डाल कर रखें। 2 से 4gm सुबह शाम दूध के साथ लें। कम से कम 40 से 60 दिन इस्तेमाल करने पर बहुत फ़ायदा होगा।
शुद्ध भाँग बाज़ार से नहीं मिलेगी ये घर पर ही शुद्ध करनी होगी। बहुत आसान है। 
भाँग शुद्ध कैसे करें। एक अलग से लेख है।
कौंच शुद्ध कैसे करें एक अलग से लेख है।

ये योग बहुत ही आसानी से बन जाता है और महँगा भी नहीं है इसलिए सभी इसका प्रयोग कर सकते हैं।

3)
      वीर्य शोधन बटी 2 गोली सुबह 2 गोली शाम मिश्री मिले गाय के दूध के साथ सेवन करने से बहुत जल्दी आराम लगता है। इसके साथ भी माजून अर्द्ध खुरमा का प्रयोग कर सकते हैं।

4)
      जिनको अधिक लंबे समय से पेशाब सबंधित समस्या है वो व्यास कामचूड़ामणि रस 1 गोली सुबह 1 गोली शाम लें।
बैद्यनाथ चंद्रप्रभा बटी 2-2 गोली सुबह शाम साथ में लें।
इस के साथ ही 3 नंबर वाला प्रयोग भी ले सकते है।
     
      वैसे कोई भी उपचार रोगी के हालात और तासीर के हिसाब से बनाना होता है। लेकिन ऊपर दिए गए योग सभी लोग इस्तेमाल कर सकते हैं चाहें कोई गरम तासीर का हो या ठंडी तासीर का। फिर भी वैध से परामर्श करना अति उत्तम रहता है।

      मर्दाना कमज़ोरी के लिए बहुत ही आसान और प्रभावशाली योग बताये जाएंगे जिसमें संखिया सिंगरफ पारा गंधक जैसी दवा बनाना और इस्तेमाल करना सिखाया जाएगा।

कोई भी दवा चिकित्सक के परामर्श से ही प्रयोग करें।

Ayurved Sagar
Vaid Karamjeet Singh
ayurvedsagarkhanauri@gmail.com

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