Ayurvedic treatment for Constipation
कब्ज की आयुर्वेदिक चिकित्सा
कब्ज क्या है?
जब बड़ी आँत की चाल धीमी हो जाती है और मल अधिक देर तक आँत में रहता है तो बड़ी आँत मल से पानी की मात्रा को चूस कर कम कर देती है। जिसकी वजह से मल सुख कर सख़्त हो जाता है और आसानी से मल निकासी नहीं हो पाती है। कई बार तो रोगी 2 से 3 दिन तक भी शौच नहीं जाता। इसको कब्ज़ कहते हैं।
कब्ज क्यों होती है?
कब्ज सम्स्त रोगों को जन्म देने वाली एक भयंकर परिस्थिति है जो आज कल एक आम समस्या बन चुकी है। इसका सबसे बड़ा कारण क़ुदरती भोजन न करना है। लोग फैक्ट्री के बने खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करते हैं जिसकी वज़ह से पाचन क्रिया में विकार पैदा हो जाते हैं। ये विकार छोटी और बड़ी आँत की कार्य क्षमता को प्रभावित कर पाचक रसों को दूषित कर देते हैं। इसकी वज़ह से मलावरोध पैदा हो जाता है। आंतों में ख़ुश्की, सूजन और ज़ख्म जैसी स्थिति भी हो जाती है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा
बाज़ार में पेट साफ़ करने वाले बहुत से प्रोडक्ट मिल जाते हैं लेकिन ये सिर्फ पेट साफ करने के लिए हैं। चूर्ण खाया तो पेट साफ, नहीं खाया तो कब्ज़, रोग वहीं का वहीं।
रोग को समाप्त करने के लिए सबसे पहले ये समझ लेना चाहिए कि पेट साफ़ करना कब्ज़ ठीक करना नहीं होता। लेकिन जब कब्ज़ ठीक हो गई तो पेट साफ़ करने के लिए कुछ भी नहीं लेना पड़ेगा। लेकिन ये होगा कैसे?
सबसे पहले भोजन का नियम बदलें। खाने में सलाद की मात्रा अधिक रखें। भोजन करने के बाद 1 घण्टे बाद पानी पीएं। दिन में 2 बार से अधिक भोजन न करें। 2 भोजन के बीच का समय 6 घंटे से अधिक रखें। रोजाना फल आहार जरूर करें।
भोजन का नियम ठीक करने के साथ थोड़ी सी दवा का इस्तेमाल भी करें।
1) शोधित हरड़ का चूर्ण 2 से 3 ग्राम रात को सोते समय कोसे पानी व दूध के साथ लें।
2) देसी गाय का दूध गरम कर सफेद शक़्कर से मीठा कर रात को सोने से पहले लें। चीनी और शुगर फ्री प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
3) विरेचन चूर्ण या पंचसकार चूर्ण 2 से 3 ग्राम रात को सोने से पहले कोसे पानी के साथ लेने से महीना भर इस्तेमाल से पुरानी से पुरानी कब्ज़ ठीक हो जाती है।
4) सप्ताह में एक बार व्रत करें। व्रत में सिर्फ नारियल पानी और मौसमी का जूस 1-1 घंटे के अंतराल पर लें। सारे दिन में कम से कम 6 नारियल और 6 गिलास मौसमी का जूस जरूर लें। ये बड़ी आँत की सफ़ाई कर ख़ुश्की दूर करेगा और कब्ज़ को हमेशा के लिए ठीक कर देगा।
व्रत :
सुबह 7 बजे एक नारियल का पानी पियें, 8 बजे 2 से 3 मौसमी खा लें, 9 बजे फिर एक नारियल, 10 बजे फिर से 2-3 मौसमी, ऐसे ही शाम तक करें। रात में बिना कुछ खाये ही सोना है। अगले दिन सुबह 2-3 सेब खाएं और 2 घंटे बाद से रोजाना की तरह।
भोजन सबंधित अधिक जानकारी के लिए एक अलग से पोस्ट है। click here to read
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