सेहत आपकी, फैसला आपका

सेहत आपकी है तो फैसला भी आपका ही होना चाहिए लेकिन 

क्या आपको पता है फैसला किस आधार पर लिया जाएगा, तो हम आपकी मदद करते है।
अच्छी सेहत के लिए जरूरी क्या है
1. शुद्ध हवा साफ़ वातावरण।
2. संतुलित पोषण
3. Detoxification

आयुर्वेद सागर

शुद्ध हवा और प्रदूषण रहित वातावरण

   ऑक्सिजन जीवन का अहम स्रोत है, हम भोजन के बिना 1 महीना, पानी के बिना 3 दिन जिंदा रह सकते हैं लेकिन  ऑक्सिजन के बिना सिर्फ 3-4 मिनट ही जिंदा रह सकते हैं।
यह सबसे महत्वपूर्ण घटक है जो हमारे शरीर को हर प्रकार की किर्या करने की ऊर्जा प्रदान करता है।
   आधुनिक जीवन शैली और औद्योगिक क्रांति के कारण हम अपनी ही कब्र खोदने में लगे हुए है। जीवन को इतना व्यस्त और कठिन बना लिया है कि सांस लेने की फुर्सत नहीं रही।
   प्रदूषण के कारण आज हमारे फेफड़ों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन नहीं पहुंची जिस वज़ह से शरीर में ऑक्सिजन की कमी रहने लगती है और शरीर निर्बलता महसूस करता है।
   यह प्रदूषण और ऑक्सिजन की कमी हमारे metabolic process और cell renewals में बाधा उत्पन्न करते है। नतीजा ये निकलता है कि हमारा शरीर कोशिकाओं के स्तर से ही बीमार रहने लगता है। मॉलिक्यूलर रिफॉर्म्स न होने की वज़ह से भयंकर बीमारियों का आगमन होता है और हम अति सवेदनशील बीमारियों से ग्रसित होते जा रहे हैं।
   ऑक्सिजन सेवन में वृद्धि कर हम शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। संतुलित भोजन, व्याम और योग हमें ऑक्सिजन की कमी से बचा सकते हैं।



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संतुलित भोजन

   भोजन हमारे शरीर को बनाने और चलाने के लिए ईंधन का कार्ये करता है। संतुलित भोजन हमारे शरीर की निर्माण किर्या को मज़बूती से चलाता है।
   उत्तम स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए हमारे शरीर को दैनिक आधार पर आवश्यक 46 प्रकार के तत्वों की आवश्यकता होती है। इन्हें मेटाबॉलिक न्यूट्रिएंट्स कहा जाता है। इनमें 18 प्रकार के एमिनो एसिड, 20 प्रकार के खनिज और 8 प्रकार के विटामिन होते हैं।
   इन सभी 46 प्रकार के तत्वों की कार्ये प्रणाली आपस में जुड़ी होती है, इसलिए इन सभी तत्वों का हमारी रोजाना ख़ुराक में शामिल होना अति आवश्यक है। 
   अगर लंबे समय तक संतुलित आहार नहीं लिया जाए तो cell लेवल पर न्यूट्रिशन की कमी हो सकती है जिसकी वज़ह से गंभीर बीमारियों के लगने का ख़तरा बना रहेगा।
   संतुलित भोजन नहीं मिलने से इम्युनिटी की कमी हो जाती है जिसकी वज़ह से ILI (इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस) हमें घेर कर रखेंगी। हर बार मौसम बदलते ही कोई न कोई फ्लू लग जायेगा।
   संतुलित आहार का अहम अंग कुदरती भोजन है plant based food ही एकमात्र क़ुदरती भोजन है। animal based food का इस्तेमाल कभी नहीं करना चाहिए।

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Detoxification

   हमें हर रोज अपने शरीर को स्वच्छ और विष मुक्त करने की आवश्यक्ता होती है। अगर हम संतुलित भोजन करते हैं और भोजन अच्छे से पचता भी है तो भी थोड़ी बहुत सफाई की जरूरत पड़ती ही है लेकिन अगर हम संतुलित भोजन नहीं करते और भोजन अच्छे से पच नहीं रहा तो हमारे शरीर में बहुत से विष बन जाते हैं। 
   पाचन क्रिया का परिपक्व न होना हमारे शरीर में बहुत से विषैले तत्वों का निर्माण कर देता है जो आँतों से होता हुआ रक्त और कोशिकाओं में जा मिलता है। ये विष शरीर के सभी अंगों को दूषित कर देता है। फिर जो अंग अधिक दुषित होकर उस विष को निष्कासित न कर पाता तो उस अंग से सम्बंधित रोग पैदा हो जाता है।
   उदाहरण के तौर पर अगर हमें कमज़ोर पाचन है और भोजन पचाने में अधिक समय लगता है तो एसिड की समस्या हो जाती है, गले में जलन, पेट भारी रहना, खट्टी डकार, भूख न लगना जैसी स्थिति बन जाती है। ये एसिड पित्त की थैली को प्रभावित करता है। अगर पित्त की थैली इस एसिड का निष्कासन करने में समर्थ न रही तो परिणाम पित्त की पत्थरी(Gallbladder Stone) के रूप में सामने आएगा। 


संतुलित भोजन करने की विधि

2 Steps to design Your Personalized DIP Diet..

Step 1:
      Till 12 noon, eat only fruits of three or four types including apples, mangoes, bananas, grapes and seasonal fruits etc.
      Minimum amount to be consumed=Your body weight in kg x 10= _____ gm
      For example, a 80 kg person should consume at least 800 gm of 3 or 4 types of fruits before 12 noon.

Step 2:
      Always eat your lunch and dinner in two plates. Plate 1 and Plate 2.
Plate 1: 4 types of raw vegetables (Salad)
Plate 2: Home cooked pure vegetarian food

Plate 1 should consist of four types of vegetables like cucumber, tomato, carrot, radish, onion, pumpkin etc salad items in raw form. Minimum amount in plate 1 = your body weight in kg x 5 = ______ gm.

For example, a 80 kg person should eat at least 400 gm of 3 or 4 types of raw vegetables. 

Plate 2 should consist of home cooked vegetarian food with negligible salt and oil.
(You should replace wheat and rice with millets)

The rules for lunch and dinner are the same; First finish eating from plate 1 in accordance with the above calculation, then take from plate 2 as much as you want. You must remember to finish dinner by 7pm or before the sunset.


Use DIP Diet and make your life healthy.
For DIP Diet plan follow 
Dr. Biswaroop Roy Chowdhary
Mr. Manas Samarth

कोई भी दवा चिकित्सक के परामर्श से ही प्रयोग करें।

Ayurved Sagar
Vaid Karamjeet Singh
ayurvedsagarkhanauri@gmail.com

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